प्रदक्षिणा
Tuesday, May 6, 2014
आखिर क्यों ...
›
................................... ...................................... आखिर क्या और कितना चाह सकती है बंद हथेली से कब का छूट चु...
4 comments:
Saturday, April 19, 2014
एक अधिकार अपने साथ दस दायित्व भी लाता है ...
›
ब्लॉग के मोडरेटर लोग काहे बात के लिए होते है ... खाली लेखकों से तमाम विषयों पर लेखन सामग्री जुटाने और अपने ब्लॉग पर चेंपने भर के लिए ....
रानी की कहानी ...
›
यह भव्य मंदिर बुंदेलों की राजधानी ओरछा स्थित चतुर्भुज मंदिर है भक्तों से सूना ... घंटनाद एवं आरती-पूजन ध्वनियों से बिलकुल अछूता सा न...
2 comments:
डुबकियों के बहाने से ...
›
.... तो देखिये हुआ यूँ कि पानी तो था बहुत ठंडा ... इस मौसम में भी कुल्फी जमाने के लिए पर्याप्त ... लेकिन बयाना तो हम ले ही गए थे डुबक...
आज हमारे शब्दों पर भाषा पर खूब जाएँ ... जो लिखा है उसके एक-एक शब्द का अर्थ वो ही है जो आपने समझा है ...
›
26 फ़रवरी · एक लेखक और लेखिका साथ खड़े हो कर दो चार बाते कर लिए ... एक प्रकाशक और लेखिका साथ खड़े हो कर बतिया और दो चार बार मुस्कुरा ...
›
Home
View web version