
आपको लगता है कि आप एक घेरे में कैद कर दिये जायेंगे ...
आपको लगता है कि आपको अतिवादी ठहरा दिया जाएगा ...
आपको असहज, असामान्य और अराजक कह कर व्यतिक्रमित कर दिया जाएगा ...
आपको सम्पूर्ण पुरुष समाज के विरुद्ध खड़ा घोषित कर दिया जाएगा ...
आप स्वच्छंद और समाज को तोड़ एवं नष्ट-भ्रष्ट करने वाली स्त्री घोषित कर दी जाएँगी ...
आपके विरोधों एवं अवाज़ उठाने के सभी मुद्दों एवं आधारों को निजी एवं अपवाद स्वरूप कह कर खारिज़ कर दिया जाएगा ...
आपको स्त्री विमर्श में सम्मिलित नक्कारखाने में बजती एक और बेमायने तूती करार दिया जाएगा ...
आपको एवं आपके लिखे हुए को अतिरंजना एवं उग्रता से संक्रमित कहा जाएगा ... आपको एक समाज बाहर स्त्री के रूप में देखा और कनखियों से मुस्कुराया जाएगा ...
तो ...
इससे क्या ...
गर्व से कहिये कि ...
हाँ ... हम नारीवादी है ...
पलट कर पूछिए नारीवादी होने में क्या बुराई है ...
अपने स्वछंद स्त्री कहलाये जाने का शोक मत मनाइये ...
आपसे बेहतर कोई नहीं जानता कि आप स्वच्छंद नहीं स्वतंत्र स्त्री की पक्षधर है ...
खुल कर और बुलंद आवाज में कहिये ...
स्त्री हूँ उसी दुनियाँ में डेरा है मेरा ...
निश्चित ही बातें वहीँ से उठेंगी और आयेंगी जहाँ जन्मभूमि है मेरी ...
आधी आबादी बाकी आधी आबादी को खलनायक सिद्ध करने को नहीं लिखती और कहती है ...
आधी आबादी लिखना और कहना चाहती है ... प्रतिरोध ...
प्रतिरोध किसका ... वर्चस्व का ...
किसके वर्चस्व का ... सत्ताओं के वर्चस्व का ...
प्रतिरोध ... दम घोंटती, सड़ांध मारती, बजबजाती परिस्थितियों को यूँ ही बनाए रखने की अंधी जिदों का ...
प्रतिरोध ... असहनीय यथास्थितियों के विरुद्ध जबरन चुप साधे रखने की घोट कर लहू में घोली गयी रीत-नीत का ...
लिखा जाता है प्रश्नचिन्ह लगाने के लिए उन स्थितियों पर जिन्हें देखते हुए भी आँखे बंद रखी और रखवाई जाती है ...
गर्व से कहिये कि हम नारीवादी ( फेमिनिस्ट ) है ...
- Painting A self-portrait of Frida Kahlo