प्रदक्षिणा
Saturday, November 16, 2013
अनु-संधान ...
झक्की होना
अपनी मौलिकता का
अनुसंधान है ...
उस पिछड़े और
लहूलुहान स्वरुप का
जो हमारे
आईने बनने के
पहले का
नींव का पत्थर था ...
...................................
~~~हेमा~~~
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1 comment:
Unknown
December 1, 2013 at 7:43 AM
हेमा माम दिल से
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हेमा माम दिल से
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