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कि सोलह कलाओं के चौसठ खानों में
किन पाठों का पुनर्पाठ करते है सोलह श्रृंगारों में सज्जित
सोलह संस्कारों में बिंधे
सोलह आने सच के ढाई कदम ...
कि अँधियारे पाख और उजियारे पाख की
चौरस जबान की नोक पर रखे
आठ वर्गों के गुणनफल के दोहरेपन की उपज पर काबिज
सोलह मंत्रकों में हो सकती है
किसी सत्ता के कथा-पायों को थामे बैठी
बत्तीस पुतलियाँ .....................
... कि पूरी बातों में रखे हुए ढाई क़दमों में होते है कुछ अधूरेपन ...
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अद्भुत
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